
यह रहा गणेश चतुर्थी 2025 का विस्तृत विवरण, जिसमें इसके महत्व, पूजा विधि, व्रत नियम, कथा, और समापन (अनंत चतुर्दशी) तक की जानकारी दी गई है:
🌺 गणेश चतुर्थी 2025 का विस्तृत विवरण
📅 तिथि और समय
- गणेश चतुर्थी तिथि: मंगलवार, 26 अगस्त 2025
- चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 25 अगस्त 2025 रात 11:00 (लगभग)
- चतुर्थी तिथि समाप्त: 27 अगस्त 2025 रात 01:00 (लगभग)
- मध्यान्ह गणेश पूजन मुहूर्त:
→ सुबह 11:05 से दोपहर 1:35 तक (स्थानीय पंचांग के अनुसार थोड़ा अंतर हो सकता है)
🙏 गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। भगवान गणेश को “विघ्नहर्ता” (विघ्नों को दूर करने वाला), “बुद्धिदाता” (बुद्धि और ज्ञान का दाता) माना जाता है।
इस दिन:
- लोग गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करते हैं।
- 10 दिन तक पूजा कर 11वें दिन विसर्जन करते हैं (अनंत चतुर्दशी)।
- महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और भारत के कई हिस्सों में भव्य झांकियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
🛐 गणेश स्थापना एवं पूजा विधि
📌 पूजन की तैयारी:
- घर की सफाई करें और पूजा स्थान को पवित्र करें।
- एक चौकी पर लाल या पीले वस्त्र बिछाएं।
- उस पर मिट्टी या धातु की गणेश प्रतिमा स्थापित करें।
- प्रतिमा के पास कलश स्थापना करें।
📿 गणेश पूजन विधि:
- संकल्प लें – व्रत और पूजा का उद्देश्य स्पष्ट करें।
- अवाहन (आमंत्रण) – गणेश जी को बुलाएं: “ॐ गं गणपतये नमः”
- पंचोपचार पूजा करें – गंध, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य चढ़ाएं।
- मंत्र जाप और आरती:
- गणेश मंत्र:
“वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥” - गणेश आरती:
“जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती…”
- गणेश मंत्र:
- मोदक, लड्डू, दूर्वा और सिंदूर गणेश जी को प्रिय हैं, ये अवश्य चढ़ाएं।
- अंत में सभी परिवारजन मिलकर आरती करें।
🧘♂️ व्रत नियम
- व्रतधारी को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- केवल सात्विक भोजन करें।
- एक समय फलाहार या उपवास रखें।
- गणेश जी के भजन, कीर्तन, मंत्र जाप करते रहें।
📖 गणेश चतुर्थी कथा (संक्षेप में)
शिव-पार्वती कथा: एक बार माता पार्वती ने स्नान के समय अपनी मैल से एक बालक बनाया और उसे द्वारपाल बना दिया। भगवान शिव ने अनजाने में उस बालक का सिर काट दिया। पार्वती के रोष को शांत करने हेतु शिव ने गज (हाथी) का सिर लाकर बालक को जीवनदान दिया। वही बालक गणेश कहलाए।
इससे सीख: आज्ञा पालन, भक्ति, और बलिदान के प्रतीक गणेश जी को सर्वप्रथम पूजा जाता है।
🌊 विसर्जन तिथि: अनंत चतुर्दशी 2025
- तिथि: शुक्रवार, 5 सितंबर 2025
- गणेश जी की मूर्ति को श्रद्धापूर्वक जल में विसर्जित करते हैं।
- इस दिन “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” का जयघोष होता है।
🪔 पूजन सामग्री सूची
- गणेश मूर्ति
- लाल/पीला वस्त्र
- दूर्वा (21 तिनके)
- शुद्ध घी या तेल का दीपक
- धूपबत्ती
- कपूर
- मोदक या लड्डू
- नारियल
- पंचमेवा
- पंचामृत (दूध, दही, शहद, शक्कर, घी)
- कलश, सुपारी, लौंग, इलायची
- फल, फूल (लाल फूल विशेष), अक्षत (चावल)
- सिंदूर, हल्दी, कुमकुम
- आरती की थाली
🎊 संस्कृतिक पहलू
- बड़े पंडालों में थीम आधारित सजावट होती है।
- नाट्य, संगीत, भजन संध्या, नृत्य, प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं।
- भक्त 10 दिनों तक प्रतिदिन आरती, भजन और प्रसाद का आयोजन करते हैं।
🧡 उपसंहार
गणेश चतुर्थी एक ऐसा पर्व है जो हमें श्रद्धा, एकता, पर्यावरण प्रेम, और शुद्धता का संदेश देता है। यदि हम घर में गणेश स्थापना कर रहे हैं, तो इको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमा को प्राथमिकता दें।
माँ लक्ष्मी का धन प्राप्ति का मंत्र
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