
तुलसी जी के पास संध्या के समय दीप जलाने का सही तरीका
तुलसी जी के पास संध्या के समय दीप जलाने का विधान हिंदू धर्म में एक पवित्र और महत्वपूर्ण कर्म माना जाता है। यहाँ सही विधि बताई गई है:
तुलसी के पास दीप जलाने की सही विधि:
- शुद्धता और तैयारी:
- सबसे पहले हाथ-पैर धोकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- तुलसी के पास साफ-सुथरा स्थान बनाएं।
- सामग्री तैयार करें:
- एक दीपक (मिट्टी का दीपक शुभ माना जाता है)।
- शुद्ध घी या तेल (सरसों का तेल या तिल का तेल)।
- बत्ती (कपास की बत्ती)।
- माचिस या दीपक जलाने के लिए अग्नि।
- फूल, अक्षत (चावल), और जल।
- दीपक जलाने की विधि:
- तुलसी के पास दीपक रखें और उसमें घी या तेल डालें।
- बत्ती को दीपक में रखकर सही तरीके से तैयार करें।
- दीपक जलाते समय भगवान विष्णु, तुलसी माता और अपने इष्ट देवता का स्मरण करें।
- दीपक जलाएं और तुलसी माता के चारों ओर तीन बार परिक्रमा करें।
- मंत्र उच्चारण:
- दीपक जलाते समय इस मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं:
ॐ सुरसुरे तुलसी देव्यै नमः।
- या फिर:
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
- प्रार्थना:
- तुलसी माता से प्रार्थना करें कि वह आपके घर में सुख, शांति और समृद्धि लाएं।
- परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना करें।
- अंत में:
- दीपक को सुरक्षित स्थान पर रखें और उसे पूरी तरह से जलने दें।
- दीपक जलाने के बाद तुलसी माता को जल अर्पित करें और फूल चढ़ाएं।
महत्व:
- तुलसी के पास दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- यह कर्म घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
- तुलसी माता को विष्णु प्रिया माना जाता है, इसलिए उनके पास दीपक जलाने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
नोट: संध्या के समय दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह समय देवी-देवताओं की पूजा के लिए सबसे उपयुक्त होता है।
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