
अक्षय तृतीया 2025 में 30 अप्रैल 2025 (बुधवार) को मनाई जाएगी।
यह दिन वैसाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है और हिन्दू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है। अक्षय तृतीया का व्रत और पूजन करने से धन, सुख, समृद्धि, और पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन बिना किसी मुहूर्त देखे शुभ कार्य किए जा सकते हैं, जैसे:
- विवाह
- गृह प्रवेश
- सोना खरीदना
- दान-पुण्य करना
अक्षय तृतीया व्रत तिथि और समय:
- तृतीया तिथि प्रारंभ: 29 अप्रैल 2025 को शाम 04:18 बजे
- तृतीया तिथि समाप्त: 30 अप्रैल 2025 को शाम 06:25 बजे
मुख्य पूजन: 30 अप्रैल को प्रातःकाल करना श्रेष्ठ रहेगा।
व्रत और पूजन विधि:
- प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
- गंगाजल, पुष्प, धूप, दीप आदि से पूजन करें।
- व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
- गरीबों और ब्राह्मणों को दान करें (विशेषकर जल, अनाज, वस्त्र, स्वर्ण आदि)।
🌟 अक्षय तृतीया व्रत 2025 🌟
📅 तिथि और समय:
- दिन: बुधवार
- तारीख: 30 अप्रैल 2025
- तृतीया तिथि प्रारंभ: 29 अप्रैल 2025 को शाम 04:18 बजे
- तृतीया तिथि समाप्त: 30 अप्रैल 2025 को शाम 06:25 बजे
- पूजन का शुभ समय: 30 अप्रैल को प्रातःकाल से दिन भर शुभ है।
🔱 अक्षय तृतीया का महत्व:
- ‘अक्षय’ का अर्थ है — जो कभी नष्ट न हो।
- इस दिन किये गए धर्म कार्यों (दान, पूजन, जप, तप) का अक्षय पुण्य मिलता है।
- अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और भगवान परशुराम जी की पूजा का विशेष महत्व है।
- यह दिन बिना किसी मुहूर्त के भी शुभ कार्यों (जैसे विवाह, गृह प्रवेश, संपत्ति खरीदना) के लिए अत्यंत श्रेष्ठ माना जाता है।
🪔 पूजन विधि:
- प्रातः स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- व्रत का संकल्प लें।
- एक कलश में गंगाजल भरें, उस पर आम के पत्ते सजाएँ और ऊपर नारियल रखें।
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें।
- दीपक जलाएँ, धूप-दीप, चंदन, फूल, अक्षत (चावल), तिल और पंचामृत से पूजा करें।
- विशेष मंत्र जाप करें: जैसे विष्णु सहस्रनाम, श्रीसूक्त, कनकधारा स्तोत्र।
- दान पुण्य करें: जल, अन्न, वस्त्र, सोना, चांदी का दान करें।
🏵️ इस दिन क्या करें:
- सोना, चांदी, संपत्ति, वाहन, भूमि आदि खरीदना।
- गरीबों को भोजन कराना, वस्त्र और धन का दान करना।
- जरूरतमंदों को जल और शीतल पेय दान करना।
- अपने व्यापार या घर में नया कार्य प्रारंभ करना।
✨ अक्षय तृतीया मंत्र:
“ॐ श्रीं श्रीये नमः”
(इस मंत्र का जाप धन-समृद्धि हेतु अत्यंत शुभ माना जाता है।)
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“श्री जगन्नाथ महाप्रभु की पूजा कैसे करें?”
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